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!! मेरी बहना !! Contest

ikshit
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एक गहना… मेरी बहना…

एक गहना मेरी बहना
हर भाई का ये कहना!
संग तेरे
रंग कितने ढंग-ढंग के कल के देखे
इस आज की सूरत पर
उस कल का हर पल
कितना मुश्किल है सीने पर सहना!
रक्षा-बंधन की पावन कसमें
भाई-दूज का पर्व सलोना
और वो अपने घर का आँगन
जहाँ लड़क-पन के सपने
नहीं कभी सुनते थे
अनजाने भविष्य का कोई… कैसा भी भय पैना…
है अब तो बस आँखों में
यादों का झरना बहना!
प्यार भारी ढेर प्यारी वो बातें
और एक-दूजे से
जो कहा करते थे… अपने सपनों की कहानियाँ
अब बहना कहाँ है वो कल के तोता-मैना?
खाली-खाली सा
तेरे मन का कोना
और एक गहरी उदासी का
इस मेरे दिल में होना…
मन के जख्म सब एक हैं
होठों से
कहाँ तक
क्या-क्या कहना?
दूरियाँ
सच
आज रुपयों की कीमत
और मंहगी होती ज़िंदगी की ज़रूरत पर
बिक रही हैं
और मैं
दोनों ही हैसियत पर
शायद…
बहुत ग़रीब हूँ
मेरी बहना!
और क्या सच कहना
कि बस दुआ है
मेरे हर खुदा से
तुम हर सूरत पर खुश रहना
मेरी बहना!

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